जिस आवाज़ ने पिछले छह दशक से हम संगीत-प्रेमियों के दिलों में हर लम्हा धड़कने वाले सुर छेड़े हैं,जो सरगम की पटरानी है,जिसकी आवाज़ ने जिस शब्द को छुआ वह एक सुरीला स्मारक बन गया ऐसी सुरकुमारी आशा भोंसले सोमवार 8 सितम्बर को जीवन की पिचहत्तरवीं पायदान पर क़दम रखने जा रहीं है. संजोग कुछ ऐसा बन रहा है कि कल रविवार(7 सितम्बर)को श्रोता-बिरादरी की आमद का दिन है और
सोमवार(8 सितम्बर) को आशा जन्मोत्सव . इसी को ध्यान में रखते हुए दोनो दिन श्रोता-बिरादरी के सफ़े पर पर महकेंगे आशा भोंसले की अनमोल रचनाएँ.
समय वही श्रोता-बिरादरी टाइम यानी लगभग सुबह नौ बजे के आसपास.
हमें पूरा विश्वास है कि आप अपने व्यस्तक्रम में से इस अवसर पर श्रोता-बिरादरी के क़रीब होंगे क्योंकि यक़ीनन आशा भोंसले आपके भी दिलों पर राज करतीं हैं न.
आइये मिल कर सुनें वह अमृत-आशा स्वर.
Saturday, September 6, 2008
आइये ! दो दिनों तक लगातार सुनें वह अमृत-आशा स्वर
Posted by यूनुस खान, संजय पटेल, सागर चन्द नाहर at 7:49 PM
श्रेणी आशा भोंसले, जन्मदिन, श्रोता-बिरादरी
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3 टिप्पणियाँ:
धन्यवाद , रचना बहुत अच्छी लगी, ऐसे ही हमें लाभांवित होने का अवसर प्रदान करती रहें । दिल की गहराई से बधाई स्वीकार करें
धन्यवाद , रचना बहुत अच्छी लगी, ऐसे ही हमें लाभांवित होने का अवसर प्रदान करती रहें । दिल की गहराई से बधाई स्वीकार करें
इन्तजार करते हैं....
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निवेदन
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-समीर लाल
-उड़न तश्तरी
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