जब से श्रोता-बिरादरी प्रारंभ हुई है तब से प्रयत्न किया है कि आप संगीत-प्रेमियों को नायाब रचनाओं के ज़रिये एक रूहानी लोक की यात्रा करवाई जाए.इसी कड़ी में एक नई-नकोरी पेशकश लेकर आपसे रूबरू होने जा रहे हैं
.आपको जानकर प्रसन्नता होगी कि 28 सितम्बर को भारत-रत्न लता मंगेशकर अपने जीवन के 80 वर्ष पूर्ण करने जा रहीं हैं. लताजी संगीत की दुनिया की महारानी हैं.उन्होंने जिस कविता को छुआ वह अमर हो गई , जिस धुन को अपने कंठ का स्पर्श दिया वह निहाल हो गई. वे इस सदी का सबसे सुरीला करिश्मा हैं.ये एक ऐसी आवाज़ है जिसका मौन भी गा रहा होता है. वे सुर – तपस्विनी हैं.और ये भी कहना चाहेंगे कि अपने अमोघ स्वर से वे हम संसारियों को निष्पाप और निश्छल बनाने इस धरती पर आईं हैं.
श्रोता-बिरादरी लता जी के इस जन्मोत्सव को अविस्मरणीय बनाने के लिये लाई है
लता/80:स्वर-उत्सव...पन्द्रह नामचीन और रचनाधर्मी संगीतकारों के साथ लताजी की जुगलबंदी. हर दिन एक नया संगीतकार और आवाज़ हमारी जानी पहचानी.
तमाम व्यस्तताओं के बाद हमें पूरा विश्वास है कि आप श्रोता-बिरादरी की सुरीली बिछात पर ज़रूर तशरीफ़ लाएंगे. लता जी का यह जन्मोत्सव हम सब संगीतप्रेमियों के लिये भी आनंद और उल्लास का प्रसंग बनकर आया है. तो बने रहिये श्रोता-बिरादरी के साथ और कुछ अनमोल गीतों के ज़रिये लता मंगेशकर के संगीत-सफ़र के और क़रीब आइये. चलते चलते पढ़ लीजिये ख्यात चित्रपट गीत समीक्षक और लेखक श्री अजातशत्रु का यह वक्तव्य:
ईश्वर ने जब गाना चाहा तो एक लता मंगेशकर को पैदा कर दिया.देखें दोबारा गाने की उसे कब सूझती है....सदियाँ ,करबध्द मुंतज़िर हैं.
1 टिप्पणियाँ:
संगीत प्रेमियों के लिए नायाब तोहफा इंतज़ार रहेगा
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