दुनिया की सबसे सुरीली आवाज़ आज जीवन के तिरासी वर्ष पूर्ण कर रही है.लता मंगेशकर नाम की इस चलती-फ़िरती किंवदंती
ने हमारी तहज़ीब,जीवन और परिवेश को हर रंग के गीत से नवाज़ा है. हम भारतवासी ख़ुशनसीब हैं जिन्हें लता मंगेशकर का पूरा संगीत विरासत के तौर पर उपलब्ध है.
हज़ारों गीतों की ये दौलत उन सुनने वालों की अकूत संपदा है जिस पर कोई भी संगीतप्रेमी समाज फ़ख्र करता है. कोशिश थी कि लता मंगेशकर के जन्मदिन पर अनूठी सामग्री आप तक पहुँचाए. इस बारे में कुछ प्रयास चल ही रहा था कि ज्ञात हुआ कि प्रमुख हिंदी अख़बार नईनिया में देश के बहुचर्चित युवा कवि यतीन्द्र मिश्र द्वारा संकलित उन ८३ गीतों का प्रकाशन हो रहा है जो लताजी द्वारा भी पसंद किये गये हैं. मालूम हो कि यतीन्द्रजी भारतरत्न लता मंगेशकर पर एक पुस्तक लिख रहे हैं.इसके लिये वे लगातार लताजी के बतियाते रहते हैं और प्रकाशन की भावभूमि पर सतत चर्चा चलती है.यतीन्द्रजी ने दीदी की रुचि,उनकी तबियत और ह्रदय के पास रहने वाले ८३ सुरीले मोतियों की गीतमाला तैयार की है जिसे लताजी ने भी व्यक्तिगत रूप से सराहा है. इस सूची को श्रोता-बिरादरी पर जारी करते हुए हम यतीन्द्र मिश्र और नईदुनिया के प्रति साधुवाद प्रकट करते हैं.
आज सुनिए कुछ गीत और हाँ कामना भी करें कि सृष्टि के इस मिश्री स्वर को हमारी उमर लग जाए.....
गीत: आ प्यार की बाँहों में
फिल्म चाँद ग्रहण ( अप्रदर्शित)
संगीत जयदेव
गीत- क़ैफ़ी आज़मी

हज़ारों गीतों की ये दौलत उन सुनने वालों की अकूत संपदा है जिस पर कोई भी संगीतप्रेमी समाज फ़ख्र करता है. कोशिश थी कि लता मंगेशकर के जन्मदिन पर अनूठी सामग्री आप तक पहुँचाए. इस बारे में कुछ प्रयास चल ही रहा था कि ज्ञात हुआ कि प्रमुख हिंदी अख़बार नईनिया में देश के बहुचर्चित युवा कवि यतीन्द्र मिश्र द्वारा संकलित उन ८३ गीतों का प्रकाशन हो रहा है जो लताजी द्वारा भी पसंद किये गये हैं. मालूम हो कि यतीन्द्रजी भारतरत्न लता मंगेशकर पर एक पुस्तक लिख रहे हैं.इसके लिये वे लगातार लताजी के बतियाते रहते हैं और प्रकाशन की भावभूमि पर सतत चर्चा चलती है.यतीन्द्रजी ने दीदी की रुचि,उनकी तबियत और ह्रदय के पास रहने वाले ८३ सुरीले मोतियों की गीतमाला तैयार की है जिसे लताजी ने भी व्यक्तिगत रूप से सराहा है. इस सूची को श्रोता-बिरादरी पर जारी करते हुए हम यतीन्द्र मिश्र और नईदुनिया के प्रति साधुवाद प्रकट करते हैं.
जब तक टिमटिमाते तारों की रात रहेगी
झील की हवाओं में उदास गुमसुमी रहेगी
बादलों के पीछे चाँद धुंधलाता रहेगा
चिर किशोरी लता की निष्पाप आवाज़
हम पर सुखभरी उदासी बरसाती रहेगी.
-अजातशत्रु
यह सूची उन गायक-गायिकाओं और संगीतप्रेमियों के लिये अत्यंत महत्वपूर्ण है जो लता मंगेशकर के गीतों में दिलचस्पी रखते हैं. इस सूचि का कालखण्ड विस्तृत है और इसमें लताजी के प्रिय संगीतकारों की धुनों की बानगी भी सुनाई देती है. आशा है लताजी के तिरासीवें जन्मदिन ये सुरीला नज़राना आप संगीतप्रेमी पाठकों के लिये एक अनूठे दस्तावेज़ का काम करेगा.झील की हवाओं में उदास गुमसुमी रहेगी
बादलों के पीछे चाँद धुंधलाता रहेगा
चिर किशोरी लता की निष्पाप आवाज़
हम पर सुखभरी उदासी बरसाती रहेगी.
-अजातशत्रु
आज सुनिए कुछ गीत और हाँ कामना भी करें कि सृष्टि के इस मिश्री स्वर को हमारी उमर लग जाए.....
गीत: आ प्यार की बाँहों में
फिल्म चाँद ग्रहण ( अप्रदर्शित)
संगीत जयदेव
गीत- क़ैफ़ी आज़मी
लता-८३ और लताजी के पसंद के ८३ गीत
१. आएगा...आएगा आने वाला... (महल) खेमचन्द्र प्रकाश १९४८
२. बेदर्द तेरे दर्द को सीने से लगा के... (पद्मिनी) गुलाम हैदर १९४८
३. हवा में उड़ता जाए मोरा लाल दुपट्टा... (बरसात) शंकर-जयकिशन १९४९
४. साजन की गलियाँ छोड़ चले... (बाजार) श्याम सुंदर १९४९
५. उठाए जा उनके सितम... (अंदाज) नौशाद १९४९
६. तुम न जाने किस जहाँ में खो गए... (सजा) एसडी बर्मन १९५१
७. बेईमान तोरे नैनवा निंदिया न आए... (तराना) अनिल विश्वास १९५१
८. तुम क्या जानो तुम्हारी याद में... (शिन शिनाकी बूबला बू) सी. रामचन्द्र १९५२
९. मोहे भूल गए साँवरिया... (बैजू बावरा) नौशाद १९५२
१०. ए री मैं तो प्रेम दीवानी... (नौ बहार) रोशन १९५२
११. वो तो चले गए ऐ दिल... (संगदिल) सज्जाद हुसैन १९५२
१२. वंदे मातरम्... (आनंद मठ) हेमंत कुमार १९५२
१३. जोगिया से प्रीत किए दुख होए... (गरम कोट) पं. अमरनाथ १९५२
१४. ये जिन्दगी उसी की है... (अनारकली) सी. रामचन्द्र १९५३
१५. ये शाम की तनहाइयाँ... (आह) शंकर-जयकिशन १९५३
१६. जादूगर सईंयाँ छोड़ो मोरी बईंयाँ... (नागिन) हेमंत कुमार १९५४
१७. जो मैं जानती बिसरत हैं सैंया... (शबाब) नौशाद १९५४
१८. न मिलता गम तो बरबादी के अफसाने... (अमर) नौशाद १९५४
१९. देखोजी बहार आई बागों में खिली कलियाँ... (आज़ाद) सी. रामचन्द्र १९५५
२०. मनमोहना बड़े झूठे... (सीमा) शंकर-जयकिशन १९५५
२१. आँखों में समा जाओ इस दिल में... (यास्मीन) सी. रामचन्द्र १९५५
२२. गुजरा हुआ जमाना आता नहीं दुबारा... (शीरीं-फरहाद) एस. मोहिन्दर १९५६
२३. रसिक बलमा... दिल क्यूँ लगाया... (चोरी-चोरी) शंकर-जयकिशन १९५६
२४. मैं पिया तेरी तू माने या न माने.... (बसंत बहार) शंकर-जयकिशन १९५६
२५. ऐ मालिक तेरे बंदे हम... (दो आँखें बारह हाथ) वसंत देसाई १९५७
२६. छुप गया कोई रे दूर से पुकार के... (चम्पाकली) हेमंत कुमार १९५७
२७. हाय जिया रोए पिया नहीं आए... (मिलन) हंसराज बहल १९५८
२८. औरत ने जनम दिया मरदों को... (साधना) एन. दत्ता १९५८
२९. आ जा रे परदेसी मैं तो कब से खड़ी... (मधुमती) सलिल चौधरी १९५८
३०. हम प्यार में जलने वालों को... (जेलर) मदन मोहन १९५८
३१. बैरन नींद न आए... (चाचा जिंदाबाद) मदन मोहन १९५९
३२. जाने कैसे सपनों में खो गई अँखियाँ... (अनुराधा) पं. रविशंकर १९६०
३३. बेकस पे करम कीजिए सरकारे मदीना... (मुग़ल-ए-आज़म) नौशाद १९६०
३४. अजीब दास्ताँ है ये... (दिल अपना और प्रीत पराई) शंकर-जयकिशन १९६०
३५. ओ सजना बरखा बहार आई... (परख) सलिल चौधरी १९६०
३६. ज्योति कलश छलके... (भाभी की चूड़ियाँ) सुधीर फड़के १९६१
३७. जा रे जा रे उड़ जा पंछी... (माया) सलिल चौधरी १९६१
३८. अल्लाह तेरो नाम, ईश्वर तेरो नाम... (हम दोनों) जयदेव १९६१
३९. ढूँढो-ढूँढो रे साजना मोरे कान का बाला... (गंगा-जमुना) नौशाद १९६१
४०. दिल का खिलौना हाय टूट गया... (गूँज उठी शहनाई) बसंत देसाई १९६१
४१. एहसान तेरा होगा मुझ पर... (जंगली) शंकर-जयकिशन १९६१
४२. ऐ मेरे दिले नादाँ तू गम से न घबराना... (टावर हाउस) रवि १९६२
४३. कहीं दीप जले कहीं दिल... (बीस साल बाद) हेमंत कुमार १९६२
४४. आपकी नजरों ने समझा... (अनपढ़) मदन मोहन १९६२
४५. पवन दीवानी न माने उड़ावे मोरा... (डॉ. विद्या) एसडी. बर्मन १९६२
४६. जुर्मे उल्फत पे हमें लोग सजा देते हैं... (ताजमहल) रोशन १९६३
४७. रुक जा रात ठहर जा रे चंदा... (दिल एक मंदिर) शंकर-जयकिशन १९६३
४८. लग जा गले कि फिर ये हंसीं रात... (वो कौन थी) मदन मोहन १९६४
४९. ए री जाने ना दूँगी... (चित्रलेखा) रोशन १९६४
५०. जीवन डोर तुम्हीं संग बाँधी... (सती सावित्री) लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल १९६४
५१. तुम्हीं मेरे मंदिर तुम्हीं मेरी पूजा... (खानदान) रवि १९६५
५२. काँटों से...आज फिर जीने की तमन्ना है... (गाइड) एसडी बर्मन १९६५
५३. दिल का दिया जला के गया... (आकाशदीप) चित्रगुप्त १९६५
५४. ये समाँ...समाँ है ये प्यार का... (जब-जब फूल खिले) कल्याणजी-आनंदजी १९६५
५५. सुनो सजना पपीहे ने कहा... (आए दिन बहार के) लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल १९६६
५६. रहें न रहें हम महका करेंगे... (ममता) रोशन १९६६
५७. नयनों में बदरा छाए... (मेरा साया) मदन मोहन १९६६
५८. कुछ दिल ने कहा... (अनुपमा) हेमंत कुमार १९६६
५९. दुनिया करे सवाल तो हम क्या जवाब दें... (बहू बेगम) रोशन १९६७
६०. छोड़ दे सारी दुनिया किसी के लिए... (सरस्वतीचन्द्र) कल्याणजी-आनंदजी १९६८
६१. हमने देखी है इन आँखों की महकती... (खामोशी) हेमंत कुमार १९६९
६२. बिंदिया चमकेगी चूड़ी खनकेगी... (दो रास्ते) लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल १९६९
६३. ना जिया लागे ना... (आनंद) सलिल चौधरी १९७०
६४. बैंया न धरो ओ बलमा... (दस्तक) मदन मोहन १९७०
६५. मेघा छाए आधी रात बैरन बन गई... (शर्मिली) एसडी बर्मन १९७१
६६. रैना बीती जाए श्याम न आए... (अमर प्रेम) आरडी बर्मन १९७१
६७. ठाढ़े रहियो ओ बाँके यार रे... (पाकीजा) गुलाम मोहम्मद १९७२
६८. बाँहों में चले आओ... (अनामिका) आरडी बर्मन १९७३
६९. आज सोचा तो आँसू भर आए... (हँसते जख्म) मदन मोहन १९७३
७०. ये दिल और उनकी निगाहों के साए... (प्रेम पर्वत) जयदेव १९७३
७१. आप यूँ फासलों से गुजरते रहे... (शंकर हुसैन) खय्याम १९७७
७२. ईश्वर सत्य है...सत्यम् शिवम् सुंदरम्... (सत्यम् शिवम् सुंदरम्) लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल १९७८
७३. सावन के झूले पड़े तुम चले आओ... (जुर्माना) आरडी बर्मन १९७९
७४. सोलह बरस की बाली उमर को... (एक-दूजे के लिए) लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल १९८०
७५. ये कहाँ आ गए हम... (सिलसिला) शिव-हरि १९८१
७६. ऐ दिले नादाँ...आरजू क्या है... (रजिया सुल्तान) खय्याम १९८३
७७. दिल दीवाना बिन सजना के माने न... (मैंने प्यार किया) राम-लक्ष्मण १९८९
७८. मेरे हाथों में नौ नौ चूड़ियाँ हैं...(चाँदनी)शिव-हरि १९८९
७९. यारा सिली सिली...(लेकिन) ह्रदयनाथ मंगेशकर १९९०
८०. सिली हवा छू गई...(लिबास) आर.डी.बर्मन १९९१
८१. दिल हूम हूम करे...(रूदाली) भूपेन हज़ारिका १९९४
८२ माई नी माई मुंडेर पे तीरी...(हम आपके हैं कौन) राम-लक्ष्मण १९९४
८३ लुका छिपी बहुत हुई...(रंग दे बसंती) ए.आर.रहमान २००६
- अजातशत्रु का वक्तव्य लता दीनानाथ मंगेशकर ग्रामोफ़ोन रेकॉर्ड संग्रहालय,इन्दौर के प्रकाशन बाबा तेरी सोन चिरैया से साभार
- लता जी का फोटो से fillum साभार
8 टिप्पणियाँ:
वाह क्या बात है! ये तो खजाना हाथ लग गया है.
शुक्रिया इस सूची को यहाँ साझा करने के लिए..
its 82 yrs completed...not 83
-Harshad Jangla
Atlanta USA
हर्षद भाई ; सुरीला नमस्कार.
जन्मदिन तो ८३वाँ ही है..वैसे ही ये लिस्ट तो हम लता मुरीदों का मन बहलावा है और इस बात की निशानी कि हम लता सुर यात्रा पर बतियाते रहते हैं. असल में लताजी का दीवाना तो वह है जो उनका गीत सुनने के बाद कुछ व्यक्त ही नहीं कर पाता.यह अव्यक्तता ही लताजी के प्रति सच्ची श्रध्दा है. हम तो यूँ ही बयासी-तिरासी के बहाने कुछ चकल्लस करते रहते हैं....ठीक है न..(लिस्ट तो सुरीली है न)
लिस्ट में से अधिकाँश गाने मेरे पास है ...कुछ गुमनाम कि न्तु मधुर गाने भी.मुझे लताजी के गाने चुनने को कहा जाए तो मैं यह काम कभी नही कर सकती.अनगिनत ऐसे गाने हैं जिन्हें पहली पादान पर रखना चाहूंगी. आप संगीत के क्षेत्र में जो कार्य कर रहे हैं वो उसकी आराधना से कम नही.
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