जिस गायक ने अपनी आवाज़ की मर्यादा में जादुई करिश्मे किये उसी अमर गायक मुकेश को कल श्रोता-बिरादरी एक भावभीनी आदरांजली पेश करने जा रही है. सहगल गान परम्परा के इस अनूठे गायक ने पूरी ईमानदारी से अपनी निज-पहचान को ईजाद किया. गले के साथ करिश्मे करने वाले समकालीन गायकों में अपने चुनिंदा गीतों से एक बड़ा श्रोता-संसार भी खड़ा किया. सादा तबियत और सरलता के पर्याय मुकेशजी श्रोता-बिरादरी पर सुनाई देंगे एक लगभग अनसुने लेकिन दिल को छू लेने वाले गीत के साथ.
चयनित गीत में भी मुकेश गायकी अंदाज़ सुनाई देगा और आप महसूस करेंगे कि तमाम सीमाओं में रह कर अपने सुर से क्या ग़ज़ब ढाया है इस जनप्रिय गायक ने.
श्रोता-बिरादरी के मुकेश स्मृति संस्करण की सूचना अपने मुकेश मुरीद परिजनों और मित्रों तक ज़रूर दीजियेगा.
बुधवार २७ अगस्त,समय वही श्रोता-बिरादरी टाइम.
Tuesday, August 26, 2008
कल श्रोता बिरादरी में मीठे मुकेश की भावभीनी याद
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1 टिप्पणियाँ:
बेताबी से इन्तज़ार रहेगा ।
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