Saturday, July 5, 2008

कल फ़िर हाज़िर हो रही है आपकी अपनी सुरीली श्रोता-बिरादरी.

वादे के मुताबिक रविवार की सुबह
कविता,संगीत और गायकी के लिहाज़ से
एक बेहतरीन रचना लेकर आ रही है आपकी
अपनी श्रोता-बिरादरी.

एक ऐसे संगीतकार का कारनामा जिसके नाम से रोशन है
फ़िल्म संगीत में मेलडी का सुदीर्घ कारवाँ.

इस गीत को लिखा है फ़िल्म संगीत में हिन्दी की
विशिष्टता का रंग घोलने वाले क़लम के जादूगर ने.

गाया है अपनी बलन के दो यशस्वी गायकों ने जिनकी
आवाज़ में यह रचना एक प्यार भरे बादल की मानिंद
बरसी है श्रोताओं के दिल के नील-गगन में.

तो मिलते हैं रविवार 6 जुलाई को सुबह तक़रीबन
9 बजे श्रोता-बिरादरी की सुरीली बिछात पर.
आ रहे हैं न.....

1 टिप्पणियाँ:

दिलीप कवठेकर said...

Ham raah dekh Rahe hai

 
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