श्रोता-बिरादरी का सौभाग्य है कि जाने माने ग्रामोफ़ोन रेकॉर्ड संकलनकर्ता श्री सुमन चौरसिया के सौजन्य से किशोर कुमार प्रेमियों के लिये एक दुर्लभ ग़ैर-फ़िल्मी रचना
सुनवाने जा रही है. आपकी जानकारी के लिये बता दें कि सुमन भाई म.प्र.की सांस्कृतिक
राजधानी इन्दौर के उप-नगर पिगडम्बर में रहते हैं और तक़रीबन 28,000 ग्रामोफ़ोन
रेकॉर्ड्स के संकलनकर्ता हैं.अभी अभी गए भारतरत्न लता मंगेशकर के जन्म दिन(28 सितम्बर) की पूर्व संध्या पर उन्होंने अपने निवास को लता दीनानाथ मंगेशकर ग्रामोफ़ोन रेकॉर्ड संग्रहालय के रूप में तब्दील कर दिया है. सुमन भाई ने श्रोता-बिरादरी के संगीतप्रेमियों के लिये एक सौग़ात के रूप में यह रचना उपलब्ध करवाई है जिसके लिये आप-हम सभी उनके आभारी है. 13 अक्टूबर को किशोर दा की पुण्यतिथि है सो एक दिन पहले इस रचना को सुनना वाक़ई रोचक होगा.
रविवार 12 अक्टूबर की सुबह के नौ बजे के आसपास श्रोता-बिरादरी ज़रूर तशरीफ़
लाएँ और सुनें ये अनमोल गीत
Saturday, October 11, 2008
कल सुनिये किशोर कुमार का एक दुर्लभ ग़ैर-फ़िल्मी गीत
Posted by यूनुस खान, संजय पटेल, सागर चन्द नाहर at 9:37 PM
श्रेणी किशोर कुमार, गायक, ग़ैर फ़िल्मी, फ़िल्म संगीत.
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1 टिप्पणियाँ:
इस गीत को फिर से सुन पाने की कोई संभावना ??
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